IPO क्या होता है
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जब कोई कंपनी शेयर मार्केट में पहली बार अपना stock या शेयर उतारती है उसी को सर्वजनिक प्रस्ताव या आईपीओ कहते हैं कोई भी कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए अपने इन्वेस्टररो को आमंत्रित करती है और इन्वेस्टररो के माध्यम से पैसा जुटाने का कार्य करती है
इसी प्रक्रिया को इनिशियल पब्लिक आफरिंग (IPO) कहते हैं आईपीओ के माध्यम से छोटी- बड़ी कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए रिटेलर शेयर खरीददारों से पैसा जो जुटती है
कंपनी IPO कब जारी करती है
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो ये आईपीओ जारी किए जाते हैं यह आईपीओ कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास पैसे की कमी हो तब कंपनी बाजार से कर्ज लेने की बजाय IPO से पैसा जाती है शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसे जुटाती है बदले में आईपीओ खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है
मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं उसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े यह जानकारी लोगों के पास नहीं होती है इसलिए इसमें थोड़ा रिस्क भी है
कोई भी कंपनी आईपीओ कैसे जारी करती है
किसी भी कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्ट करने के लिए आपको कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयर/ के हिसाब से आपको बोली लगानी होगी और आपके Dmat account वॉलेट का उतना अमाउंट ब्लॉक कर लिया जाएगा आईपीओ ओपन और क्लोजिंग का टाइम फिक्स किया जाता है उसी समय के दौरान आपको आईपीओ के लिए इन्वेस्टमेंट करना है
जैसे कि d-mart का आईपीओ आया था जो ₹250 / शेयर का था और शेयर ओपन होते ही ₹500 /शेयर का भाव हो गया आईपीओ के शेयरों की मिनिमम क्वांटिटी निर्धारित कर दी जाती है जैसे कि 500 शेयरों को एक लॉट इसमें आप एक या दो शेयर नहीं खरीद सकते आपको पूरे 500 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी और आपका पैसा भी 500 शेयरों के हिसाब से भी होल्ड हो जाएगा
आईपीओ की क्लोजिंग डेट के बाद आपको शेयर मिल कि नहीं मिले इसकी सूचना आपको मिल जाएगी और अकाउंट में होल्ड किए हुए पैसे डेबिट हो जाएंगे
IPO की लिस्टिंग प्राइस कैसे तय की जाती है
एक आईपीओ के लिए लिस्टिंग लाभ लिस्टिंग के समय मूल्य निर्धारण और बाजार की स्थितियों DEMAND AUR SUPPLY पर पूरी तरह से निर्भर है
लिस्टिंग मूल्य प्राप्त किए गए शेयरो के सभी आदेशों को निर्धारित किया जाता है स्टॉक की शुरुआत के समय निष्पादित किए जा सकने वाले ट्रेडो की संख्या को अधिकतम करने के लक्ष्य के साथ।
आईपीओ प्राइस बैंड किसे कहते हैं
प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इशू बंद होने पर शेयर की कीमत बंद होने पर 105 तय होती है और ₹105 को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है
अमूमन प्राइस बैंड की उपरी कीमत ही कट ऑफ होती है बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकते हैं बोली लगाने वाला कट ऑफ बोली भी लगा सकता है इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय की गई हो उस पर जो कीमत तय होती है
उसी पर शेयर खरीदे जाएंगे बोली के बाद कंपनी एसी कीमत तय करती है जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे अगर वह कंपनी अपना आईपीओ लती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदते हैं तो कंपनी अपना आईपीओ वापस भी ले सकती है हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है मान लीजिए कोई कंपनी अपने आईपीओ में 100 शेयर लेकर आए लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फार्मूले के हिसाब से शेयर अलाट होते हैं
IPO में इन्वेस्ट कैसे करें
जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं उनके लिए IPO एक बेहतर विकल्प है अगर आप आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहते हैं इसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा यह अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज आईसीआईसीआई डायरेक्ट और भी अन्य ब्रोकर के पास जाकर आप अकाउंट खुलवा सकते हैं
उसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैट अकाउंट से लिंक अकाउंट में होनी चाहिए निवेश की रकम तब तक आपके अकाउंट से नहीं काटी जाती जब तक आप को शेयर अलॉट नहीं किए जाते जब कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय तय किया जाता है जो 3 से 5 दिन का होता है
. उसी समय में उस कंपनी का आईपीओ ओपन रहता है जैसे शेयर मार्केट में हम 1 या 2 या अपने मन मुताबिक शेयर खरीदते हैं यहां ऐसा बिल्कुल नहीं होता यह आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लोट में शेयर खरीदना होता है यह शेयर की कीमत के हिसाब से 10 ,20 ,50 ,150, 200 या इससे ज्यादा भी हो सकता है यहां आपके 1 शेयर की कीमत भी आप को दिखाई देती है
डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है
आईपीओ में इन्वेस्ट करने के लिए आपका डिमैट अकाउंट होना आवश्यक है क्योंकि आईपीओ में आपके नाम पर अलार्ट किए गए शेयरों को आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा डीमैट अकाउंट के बिना शेयर या आईपीओ में इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकते
आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करते समय कुछ सावधानियां
यदि आप किसी कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हैं तो कंपनी का बैकग्राउंड चेक करना चाहिए किस सेक्टर की कंपनी है उसकी सालाना इनकम क्या है कंपनी पर कितना लोन है उसका व्यापार कहां कहां है
आईपीओ में इन्वेस्ट करने के बाद अधिकतर शेयरों में गिरावट देखने को मिली है आईपीओ में इन्वेस्ट करने के बाद आप ने मान लिया ₹250 का किसी कंपनी का शेयर ले लिया लेकिन वह शेयर मार्केट में ट्रेड करते करते हैं ₹200 के आसपास आ जाता है तो बेहतर यह होगा कि जिस कंपनी के आईपीओ में आप पैसा इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हैं उस कंपनी का बैकग्राउंड चेक करना चाहिए
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