Support and resistance (S & R) क्या होता है?
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Support and resistance किसी चार्ट में उस खास PRICE POINT को बताता है,जिस पर Buyers या फिर Seller सबसे ज्यादा Active रहते है,
Support and Resistance को शोर्ट में S & R कहा जाता है,
Support और Resistance किसी स्टॉक के चार्ट में, दो अलग अलग प्राइस पॉइंट्स (Price Points) होते है,
Support Price चार्ट का वो PRICE POINT होता है, जहा से आगे Seller के मुकाबले Buyers की संख्या ज्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक का भाव Support price point से ऊपर की तरफ चढ़ने की संभावना होती है,
दूसरी तरफ, Resistance Price चार्ट का वो PRICE POINT होता है, जहा से आगे Buyers के मुकाबले Seller की संख्या ज्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक का भाव Resistance price point से नीचे की तरफ गिरने की संभावना होती है,
Support and Resistance की उपयोगिता
सपोर्ट और रेजिस्टेंस से हम इन तीनो बातो का पता चलता है –
Entry Point – किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना है, यानी शेयर को किस मूल्य पर खरीदना है,
Exit Point – किसी ट्रेड में कब sell करना है या stop loss बुक करना है,
Target – किसी ट्रेड से कितना लाभ- Profit लिया जा सकता है,
अगर आप किसी चार्ट में सपोर्ट और रेजिस्टेंस की पहचान करना सीख लेते है, तो आप बहुत ही आसानी से स्टॉक के price की पहचान कर सकते है, जहा से स्टॉक से या तो ऊपर की तरफ जाता है, या जहा से स्टॉक price नीचे की तरफ गिरता है, इस तरह आप ये भी समझ लेते है कि जहा से स्टॉक का price ऊपर जाने वाला है, वहा आपका एंट्री पॉइंट होना चाहिए, और जहा से स्टॉक का price नीचे गिरने वाला है, वो आपका Exit point होगा, और इस तरह इन दोनो price के बीच आप अपना एक profit का target भी सेट कर सकते है,
The Support (सपोर्ट)
सपोर्ट का हिंदी अर्थ होता है – सहारा देना, सहायता करना,
और स्टॉक मार्केट में सपोर्ट शब्द का इस्तेमाल किसी स्टॉक के टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट पर उस प्राइस पॉइंट को बताने के लिए किया जाता है, जिस प्राइस पॉइंट से किसी स्टॉक का भाव निचे गिरने से रुकता है, यानि जिस प्राइस पॉइंट से स्टॉक का भाव निचे गिरना बंद होकर ऊपर की तरफ जाता है,
यानि SUPPORT किसी स्टॉक के टेक्निकल चार्ट में एक ऐसा PRICE POINT होता है, जो स्टॉक के PRICE को और अधिक नीचे गिरने से रोकता है, या और अधिक गिरने से रोकने में SUPPORT करता है,
SUPPORT PRICE POINT से शेयर के PRICE में आगे तेजी आने की सम्भावना होती है,
SUPPORT के CONCEPT से समझ में आने वाली बाते –
Support Price किसी स्टॉक के current market price से नीचे यानि कम होता है,
Support price point से स्टॉक का price में bounce back आने की सम्भावना होंती है, और स्टॉक का price ऊपर की तरफ जा सकता है,
Support price point से हमें ये समझ आता है कि – इस price point पर ट्रेडर जितना अधिक उस स्टॉक को बेचना चाहते थे, बेच चुके है, और अब स्टॉक का price अपने पिछले सपोर्ट प्राइस पॉइंट पर आने के बाद, कम भाव के कारण उस स्टॉक को खरीदने वाले लोग पसंद करेंगे, और Buyers के खरीदने से उस स्टॉक का प्राइस सपोर्ट प्राइस से ऊपर की तरफ जाने लगेगा,
Support से हमें Bearish Trend के बदलने और स्टॉक के भाव में तेजी आने की सम्भावना का Signal मिलता है,
Support Point हमें बताता है कि – अगर किसी स्टॉक का price नीचे गिर रहा है, तो उस स्टॉक का price चार्ट पर दिखने वाले अपने पिछले सपोर्ट price के आस पास तक ही गिरेगा, और पिछले सपोर्ट price से स्टॉक का भाव और निचे जाने के बजाये bounce back करके ऊपर की तरफ जा सकता है ,
किसी स्टॉक के सपोर्ट प्राइस पॉइंट पर इस बात की पूरी सम्भावना होती है कि – उस स्टॉक का गिरता हुआ प्राइस रुक जायेगा, और ये भी हो सकता है कि अगले कुछ trading session में स्टॉक का प्राइस अपने पिछले सपोर्ट प्राइस के आस पास ही घूमता रहे, और फिर ऊपर की तरफ जाए,
Support Price Point के ऊपर ट्रेड प्लान
Support Price Point से मार्केट के ऊपर जाने की सम्भावना होती है, इसलिए हमें इस पॉइंट पर खरीदने (Buy) के बारे में सोचना चाहिए, और स्टॉक को Support Price Point पर खरीदना चाहिए,
कभी कभी जब आप Short Selling करते है, तो आपको स्टॉक को कम भाव में खरीदना होता है, तो ऐसे केस में आप Support Price Point के आस पास शेयर को खरीद कर अपनी Short Selling position को क्लोज कर सकते है,
The Resistance (रेजिस्टेंस )
रेजिस्टेंस का हिंदी अर्थ होता है – रुकावट, बढ़ने से रोकना,
और स्टॉक मार्केट में का हिंदी अर्थ होता है – रुकावट, बढ़ने से रोकना,
और स्टॉक मार्केट में Resistance (रेजिस्टेंस ) शब्द का इस्तेमाल किसी स्टॉक के टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट पर उस प्राइस पॉइंट को बताने के लिए किया जाता है, जिस प्राइस पॉइंट से किसी स्टॉक का भाव ऊपर जाने से रुकता है, यानि जिस प्राइस पॉइंट से स्टॉक का भाव ऊपर बढ़ना बंद होकर, नीचे की तरफ जाता है,
यानि Resistance (रेजिस्टेंस ) किसी स्टॉक के टेक्निकल चार्ट में एक ऐसा PRICE POINT होता है, जो स्टॉक के PRICE को और अधिक बढ़ने से रोकता है, या और अधिक ऊपर जाने से resist (रेसिस्ट) करता है,
Resistance PRICE POINT से शेयर के PRICE में आगे, मंदी (Bears)आने की सम्भावना होती है,
Resistance के CONCEPT से समझ में आने वाली बाते –
Resistance Price Point किसी स्टॉक के current market price से ऊपर यानी अधिक होता है,
Resistance price point से स्टॉक का price में Down Reversal आने की सम्भावना होंती है, और स्टॉक का price नीचे की तरफ आ सकता है,
Resistance price point से हमें ये समझ आता है कि – इस price point पर ट्रेडर जितना अधिक उस स्टॉक को खरीदना चाहते थे, उतना खरीद चुके है, और अब स्टॉक का price अपने पिछले रेजिस्टेंस प्राइस पॉइंट पर आने के बाद, बहुत अधिक भाव के कारण उस स्टॉक को बेचने वाले लोग पसंद करेंगे, और Seller के अधिक बेचने से उस स्टॉक का प्राइस, रेजिस्टेंस प्राइस पॉइंट से नीचे की तरफ आने लगेगा,
Resistance से हमें bullish Trend के बदलने और स्टॉक के भाव में मंदी आने की सम्भावना का Signal मिलता है,
Resistance Point हमें बताता है कि – अगर किसी स्टॉक का price ऊपर जा रहा है, तो उस स्टॉक का price चार्ट पर दिखने वाले अपने पिछले रेजिस्टेंस प्राइस पॉइंट से नीचे की तरफ आने लगेगा,
Resistance से हमें bullish Trend के बदलने के और पिछले Resistance Point से स्टॉक का भाव और ऊपर जाने के बजाये Reversal करके , नीचे की तरफ जा सकता है ,
किसी स्टॉक के रेजिस्टेंस प्राइस पॉइंट पर इस बात की पूरी सम्भावना होती है कि – उस स्टॉक का चढ़ता हुआ प्राइस रुक जायेगा, और ये भी हो सकता है कि अगले कुछ trading session में स्टॉक का प्राइस अपने पिछले रेजिस्टेंस प्राइस पॉइंट प्राइस के आस पास ही घूमता रहे, और फिर नीचे की तरफ जाए,
Support Price Point के ऊपर ट्रेड प्लान
Resistance price point से मार्केट के नीचे जाने की सम्भावना होती है, इसलिए हमें इस पॉइंट पर बेचने (Sell) के बारे में सोचना चाहिए, और स्टॉक को Resistance price point पर बेच देना चाहिए,
अगर आप Short selling का मौका खोज रहे है तो Resistance price point पर शोर्ट selling करके, आप बाद में Support Price Point पर खरीद कर लाभ कमा सकते है,
अगर आपने स्टॉक को ख़रीदा हुआ है, और आप उसे बेचकर लाभ कमाना चाहते है, तो आपको अपना स्टॉक Resistance price point पर बेच देना चाहिए, क्योकि इस प्राइस पॉइंट से मार्किट वापस नीचे जा सकता है, और आप बेचने का मौका चुक सकते है,
Resistance price point किसी सौदे के लॉन्ग पोजीसन में Target Price हो सकता है,
Support and resistance की चार्ट पर पहचान कैसे करे
Support and resistance को पहचानने के लिए 4 स्टेप है –
चार्ट पर डाटा पॉइंट्स को लोड करना (Load Data Points)
चार्ट पर दिखने वाले चार प्राइस एक्शन जोन को पहचानना (Identify at least 3 price action zone)
प्राइस एक्शन जोन को एक सीधी लाइन से मिलाना (Align the Price Action Zone)
कम से कम 3 हॉरिजॉन्टल लाइन खीचना (Fit a Horizontal line)
इन चार स्टेप की मदद से किसी स्टॉक के चार्ट पर बड़ी आसानी और स्पस्ट तरीके से Support and resistance की पहचान कर सकते है, आइये अब इन चारो स्टेप्स को डिटेल में समझते है,
1.चार्ट पर डाटा पॉइंट्स को लोड करना (Load Data Points)
चार्ट पर डाटा पॉइंट को लोड करने से हमारा मतलब है कि हम Support and resistance कितने समय के अन्दर देखना चाहते है, जैसे – Intra Day Trading के लिए कुछ दिनों का डाटा पॉइंट काफी हो सकता है, जबकि swing trading के लिए कुछ weeks के डाटा पॉइंट्स की जरुरत होगी, इसके अलावा अगर हम लम्बे समय के निवेश के मौके चाहते है और लम्बे समय के लिए Support and resistance की तलाश कर रहे है तो हमें लम्बे समय ६ महीने, 1 साल या उस से ज्यादा समय के डाटा पॉइंट को चार्ट में लोड करना होगा,
तो Support and resistance की पहचान के लिए इस बात को ध्यान में रखना है की जब हम भी डाटा पॉइंट को लोड करे तो जिस तरह का और जितने समय का ट्रेड लेना चाहते है, उसकी के अनुसार चार्ट में डाटा पॉइंट को लोड करना चाहिए,
अगर देखा जाये तो –
शोर्ट टर्म ट्रेड के लिए – शोर्ट टर्म से से मतलब swing trading से है, और इसलिए कुछ वीक से लेकर 3 से 6 महीने के डाटा पॉइंट लोड करना होगा, जो आपको उचित लगे,
लॉन्ग टर्म ट्रेड के लिए – लॉन्ग टर्म से से मतलब Long term investment से है, और इसके लिए 12 से 18 या 24 महीने का डाटा जरुर लोड करना चाहिए, जो आपको उचित लगे,
2.चार्ट पर दिखने वाले चार प्राइस एक्शन जोन को पहचानना (Identify at least 3 price action zone)
एक उचित टाइम फ्रेम के लिए चार्ट पे डाटा लोड हो जाने के बाद हमें कुछ प्राइस एक्शन जोन को पहचानना है, प्राइस एक्शन जोन में तीन बाते हो सकती है, और इन तीनो में से कोई एक चीज, चार्ट में नजर आ रहा है तो वह प्राइस एक्शन जोन हो सकता है –वे तीन बाते है
चार्ट में ऐसी जगह जहा प्राइस थोडा नीचे जाकर, थोड़े देर तक रुक सा जाता है, और किसी पर्टिकुलर प्राइस से नीचे नहीं जाता है, और अगले कुछ trading session इसी bottom range में चलता रहता है,
अगर ऐसा कुछ चार्ट में दीखता है, तो ये सपोर्ट का प्राइस एक्शन जोन हो सकता है,
चार्ट में ऐसी जगह जहा प्राइस थोडा ऊपर जाकर, थोड़े देर तक रुक सा जाता है, और किसी पर्टिकुलर प्राइस से ऊपर नहीं जाता है, और अगले कुछ trading session इसी टॉप range में स्टॉक का प्राइस चलता रहता है,
तो अगर ऐसा कुछ चार्ट में दीखता है, तो ये रेजिस्टेंस का प्राइस एक्शन जोन हो सकता है,
चार्ट में ऐसी जगह, जहा से स्टॉक के प्राइस में कम्पलीट रेवेर्सल आ जाता है, यानि किसी पर्टिकुलर प्राइस पर जाकर स्टॉक या तो नीचे चला जाता हो, या ऊपर चला जाता हो, और फिर नीचे या ऊपर जाने के बाद उसी प्राइस के range अगले कुछ trading session चलते रहते हो,
इस तरह आप प्राइस एक्शन जोन को पहचान कर उसे सर्किल भी कर सकते है, ताकि आपको ध्यान में रहे,
3.प्राइस एक्शन जोन को एक सीधी लाइन से मिलाना (Align the Price Action Zone)
अब जैसे ही हमें प्राइस एक्शन जोन मिल जाते है, तो अगला स्टेप है, एक जैसे प्राइस एक्शन जोन को एक सीधी लाइन से मिलाना, जिसे Align the Price Action Zone स्टेप कहा जाता है,
इस स्टेप में Price Action Zone की सीधी लाइन खीचते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि – दो प्राइस एक्शन जोन के बीच पर्याप्त टाइम का अंतर हो,
जैसे – अगर 12 महीने के चार्ट पर प्राइस एक्शन जोन को सीधी लाइन से मिलाते समय अगर पहला प्राइस एक्शन जोन किसी महीने के पहले वीक में है, तो अगला प्राइस एक्शन जोन कम से कम महीने के आखिरी में होना चाहिए,
4.कम से कम 3 हॉरिजॉन्टल लाइन खीचना (Fit a Horizontal line)
प्राइस एक्शन जोन की पहचान करने के बाद अगला स्टेप है – हॉरिजॉन्टल लाइन खीचना,
कम से कम 3 प्राइस एक्शन जोन को एक सीधी लाइन से मिलाने पर हमें एक सपोर्ट या रेजिस्टेंस की लाइन मिल जाती है,
प्राइस एक्शन जोन चाहे जो भी है, हमें सिर्फ टाइम फ्रेम और गैप को ध्यान में रखना है ताकि दो प्राइस एक्शन जोन के बीच पर्याप्त गैप रहे,
जब हम तीन हॉरिजॉन्टल लाइन खीच लेते है, तो इसके द्वारा हम किसी ट्रेड के 100% कन्फर्मेशन का पता नहीं चलता, बल्कि इस तरह के हॉरिजॉन्टल लाइन से हमें एक बेहतर सम्भावना वाले ट्रेड को predict कर सकते है –
अगर कोई लाइन चार्ट में करंट मार्किट प्राइस के नीचे है, तो इसका मतलब यह एक सपोर्ट लाइन है, और इस सपोर्ट लाइन पर सर्किल किये गए प्राइस को सपोर्ट प्राइस कहलाता है,
अगर कोई लाइन चार्ट में करंट मार्किट प्राइस के से ऊपर है, तो इसका मतलब यह एक रेजिस्टेंस लाइन है, और इस रेजिस्टेंस लाइन पर सर्किल किये गए प्राइस को रेजिस्टेंस प्राइस कहलाता है,
अब जब हमें सीधे सीधे, सपोर्ट लाइन और रेजिस्टेंस लाइन मिल जाता है, तो हम इस लाइन से मिलने वाले प्राइस से 1 % वेरिएशन के साथ, किसी स्टॉक का सपोर्ट प्राइस और रेजिस्टेंस प्राइस निकाल सकते है,
Support and resistance पर कितना भरोषा किया जा सकता है?
जैसे, हमने टेक्निकल एनालिसिस के आधारभूत कांसेप्ट में देखा था, कोई भी तरीका हमेशा काम नहीं कर सकता है, और इस तरह कोई भी पैटर्न चाहे वो कैंडलिसिटिक पैटर्न हो या Support and resistance, ये हमेशा 100 % सही नहीं हो सकता है,
और इसलिए Support and resistance पर भी पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता है, बल्कि आपको Support and resistance का इस्तेमाल करने के साथ साथ, स्टॉक के अन्य पहलुओ पर भी ध्यान देना चाहिए,
Support and resistance मानव व्यहवहार को दिखाता है
किसी चार्ट पर Support and resistance , इंसानों द्वारा किये जाने वाले व्यवहार को स्पस्ट बताने की कोशिश करता है, की एक प्राइस पॉइंट पर क्यों कुछ लोग ज्यादा से ज्यादा उस स्टॉक की तरफ आकर्षित हो जाते है, या उस से दुरी बना लेते है,
Support and resistance भी टेक्निकल एनालिसिस के अन्य तथ्यों की तरह से 100% किसी ट्रेड का कन्फर्मेशन नहीं देता है, बल्कि इस बात को बताने के कोशिश करता है, कि एक खास तरह की घटना, जहा लोग किसी स्टॉक को ज्यादा से ज्यादा खरीदना या बेचना चाहते है, और क्योकि ऐसा बार बार हो रहा है, जैसे एक इन्सान का व्यवहार के साथ होता है, इन्सान व्यवहार बार बार दोहराया जाता है, वैसे ही हो सकता है की चार्ट पर दिखने वाले Support and resistance के अनुसार वापस प्राइस एक्शन जोन बन सकता है, और इसलिए हमें अपने ट्रेड में इस बात को ध्यान में रखना चाहिए,
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