RSI क्या है
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RELATIVE STRENGTH INDEX
RSI का फुल फॉर्म है – RELATIVE STRENGTH INDEX और इसे SHORT में RSI (आर एस आई ) कहा जाता है,
RSI एक टेक्निकल एनालिसिस का एक टूल (INDICATOR) है, जो किसी स्टॉक के INTERNAL STRENGTH को उस स्टॉक के TREND के साथ सम्बन्ध को बताता है,
साथ ही RSI एक लीडिंग इंडिकेटर है, और ये एक oscillators (ओसिलेटर) भी कहा जाता है, क्योकि RSI को टेक्निकल चार्ट पर oscillate यानी 0 से 100 के बीच में घूमता रहता है,
RSI तकनीक का इस्तेमाल सबसे पहले J WILLES WILDER ने १९७८ में किया था, और जे विल्स विल्डर को RSI का जनक माना जाता है,
RSI (आर एस आई ) के फायदे
1. RSI से हम किसी स्टॉक में OVER BOUGHT (औसत से अधिक खरीद ) और OVER SALE (औसत से अधिक विक्री ) दोनों का पता लगा सकते है,
2. RSI एक लीडिंग मोमेंटम इंडिकेटर है, जिस से हमें ट्रेंड के REVERSAL को पहचानने में मदद मिलती है,
3. RSI किसी स्टॉक के NON TRENDING RANGE या SIDEWAYS TREND में सबसे अच्छा और STRONGEST SIGNAL देता है,
4. RSI से OVER BOUGHT का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER BOUGHT के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER BOUGHT की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BEARISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में SHORT SELLING के मौके की तलाश करता है,
5. RSI से OVER SOLD का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER SOLD के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER SOLD की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BULLISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में अपनी पोजीशन को LONG रखना चाहिए,
RSI को कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
RSI को कैलकुलेट करने का फार्मूला है
RSI = 100 - 100/100+Rs/p>
RS = Average Gain / Average Loss
ऊपर दिए गए फोर्मुले में Average Gain और Average Loss को निकालने का नियम इस प्रकार है –
Average Gain: जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक के भाव में ऊपर की तरफ होने वाला बदलाव का औसत
Average Profit: जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक का जितने दिन कम हुआ, तो कम हुए भाव के पॉइंट्स का औसत,
इस तरह Average Gain = 29/14=2.07
और Average Loss= 10/4 =0.714
इस तरह RS = 2.07/0.714 =2.8991
इसलिए अब RSI = 100- 100/100+2.8991
= 100 – 100/3.8991
= 100 – 25.6469
= 74.3531
RSI का AUTOMATIC कैलकुलेशन
RSI को हम टेक्निकल एनालिसिस के सॉफ्टवेयर की हेल्प से दो सेकंड में कैलकुलेशन कर सकते है,
सिर्फ हमें RSI (INDICATOR TOOL) को सेलेक्ट करना है, और INPUT में सॉफ्टवेयर को दिनों की संख्या के बारे में बताना है, कि हम कितने दिन का RSI निकालना चाहते है,
जैसे- अगर 14 दिन का RSI निकलना चाहते है तो हमें 14 इनपुट करना है,
और सॉफ्टवेयर तुरंत चार्ट पर एक RSI इंडिकेटर की लाइन खीच देगा, जो 0 से 100 के बीच कुछ भी हो सकता है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) के नियम और इसका इस्तेमाल
1. RSI एक 0 से 100 के बीच BAND में घूमता है, RSI न तो 0 से नीचे जा सकता है और न ही 100 से ऊपर,
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2. जब RSI 70 से उपर जाता है, तो ये हमें OVERBOUGHT के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG POSITIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट नीचे आने की संम्भावना की जा सकती है,
और ये हो सकता है कि जब CORRECTION तो भाव नीचे आएगा और ऐसे में कुछ ट्रेडर SHORT SELLING या अपनी पोजीशन को SQUARE OFF करने का सोच सकते है,
3. जब RSI 30 से नीचे जाता है, तो ये हमें OVERSOLD के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG NEGATIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट के ऊपर की संम्भावना की जा सकती है,
ऐसी सिचुएशन में कुछ ट्रेडर खरीददारी का मौका तलाश कर सकते है, और अपनी पोजीशन को लॉन्ग बनाने की कोशिश कर सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) नियम के अपवाद और सावधानिया
1. अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से UPTREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 70 से ऊपर हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है,
क्योकि RSI 100 से ऊपर नहीं जाता है, और स्टॉक जब तक UP TREND में तब तक RSI 70 या उस से ऊपर ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन बनाई हुई है, तो जब तक कोई ट्रेंड् REVERSAL नहीं आता, तब तक सिर्फ RSI के आधार पर मार्केट के करेक्शन की संभवना सही नहीं मानी जाएगी,
2. इसी तरह, अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से DOWN TREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 30 के आस पास या उस नीचे हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है, क्योकि हो सकता है स्टॉक में लम्बे समय का डाउन ट्रेंड बना रहने वाला हो,
ध्यान देने वाली बात है कि क्योकि RSI 0 से नीचे नहीं जाता है, और इसलिए स्टॉक जब तक DOWN TREND में तब तक RSI 30 या उस से नीचे ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन को लेकर सावधान रहना चाहिए, और ट्रेंड के खिलाफ RSI के भरोसे किसी तरह का ट्रेड नहीं लेना चाहिए,
3. अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 0 से 30 से ऊपर जाने लगे यानी OVERSOLD से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी लॉन्ग पोजीशन बना सकते है,
4. और इस तरह अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 70 से नीचे जाने लगे यानी OVERBOUGHT से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी पोजीशन को क्लोज कर सकते है या short selling कर मौका बना सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) : SUMMARY
RELATIVE STRENGTH INDEX हमें बताता है –
अगर RSI 0 से 20 के बीच है तो OVERSOLD सिचुएशन है, इसलिए BUY करो
अगर RSI 80 से 100 के बीच है तो OVERBOUGHT सिचुएशन है, इसलिए SELL करो
RSI का बेस्ट तरीके से इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी है –
1. कोई भी टेक्निकल एनालिसिस टूल 100 % सही सही नहीं बता सकता , इस बात को ध्यान में रखना चाहिए, और इसी लिए RSI भी हमेशा सही नहीं हो सकता, ये सिर्फ एक सम्भावना को बताने की कोशिस करता है,
2. सिर्फ RSI के भरोसे कभी भी TRADE न ले, आपको इसके साथ टेक्निकल एनालिसिस के अन्य tools और इंडीकेटर्स को भी जरुर इस्तेमाल करे, जैसे – VOLUME, कैंडलस्टिक पैटर्न, सपोर्ट and रेजिस्टेंस, मूविंग एवरेज,
3. टेक्निकल एनालिसिस के नियमो के साथ फ्लेक्सिबल रहो, और थोड़े बहुत बदलाव के साथ अपना खुद का पॉइंट ऑफ़ व्यू बनाने की कोशिश करो,
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